Thursday, 29 March 2012

Bewafa Shayari



Bewafa Shayari in Hindi is a collection of shayari's that show the unfaithfulness, especially in love and relationships.
जिसने हुमको चाहा 

जिसने हुमको चाहा, उसे हम चाह ना सके,

जिसको चाहा उशाए हम पा ना सके,

यह समझ लो दिल टूटने का खेल है,

किसी का तोड़ा और अपना बचा ना सके,



एक और शेर सुनता हून



मंज़िलें भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था;

एक हम ही अकेले तेई, काफिला भी उसका था;

साथ चलने की सोच भी उसकी थी, फिर रास्ता बदलने का फ़ैसला भी उसका था:

आज अकेले हैं दिल सवाल करता है

लोग तो उसके थे, क्या खुदा भी उसका था

Bewafa Hindi SMS Shayari 

ढूँढ कर हम तक चुके,

कौन सी गलियों मे जाने तुम खो गये.

अब और कहाँ ठिकाना है इस ग़रीब का,

जाकर कब्र मे खुद ही हम सो गये 
Bewafa Shayari 

कैसे भुला दूं मैं तेरी याद,

अब तो मुमकिन नही भूलना तेरी याद.

कभी थे हम दीवाना तेरे नाम के,

आज तेरी चाहत ने किया हमे बर्बाद 
उसके ख़ातोंको फाड़ दिया 

उसके ख़ातोंको फाड़ दिया

तस्वीरोंको भी जला दिया

जोभी निशानियाँ है उनको ख़तम कार्डिया

लेकीन्न्ननणणन्

हमारी हर साँस मे, मेरी हर नस मे जो समा गया

हमारे ख़यालों मे जो छागया

हमें जो अपना दीवाना बणागया

सारे दुनियाँ से बेख़बर बणागया

कहता था हम उसकी ज़िंदगी हैं, मेरेही ज़िंदागीको मुझसे छींगया

कैसा आ सितम कारगया

जीते जी मुझे मार्गया

आए सनम, यह तूने क्या कार्डिया?! क्य्ाआअ कार्डिया?!





जाते जाते हुंपे एक एहसांतो कार्जाते

तोड़ा ज़हेर अपने हाथोंसे देजाते

आखरी दीदार्थो करलेते

हमारे जनाज़े को खानड़तो देजाते 
Mohabbat 

मूहोबट के भी कुछ अंदाज होते है,



जागती ँखो के भी कुछ ख्वाब होते है,



ज़रूरी नही के गम मे ही आँसू निकले,



मुस्कुराती आँखो मे भी सैलाब होते है 
Pyar 

आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए

महसूस हुआ तब, जब वो जुड़ा हुए

कर क वफ़ा कुछ दे ना सके वो

पेर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए



तुम अगर याद रखो गे तो इनायत होगी,

वरना हम को कहाँ तुम से शिकायत होगी,

ये तो बेवफा लोगों की दूण्या है,

तुम अगर भूल ब जाओ तो रिवायत होगी.



उस क चेहरी पेर इस क़दर नूवर था

क उस की याद में रोना भी मंज़ूर था

बेवफा ब नही कह सकती उस को फ़राज़

प्यार तो हम ने काइया है वो तो बेकसूर था.



सितम को हुँने बेरूख़ी समझा,

प्यार को हुँने बंदगी समझा,

तुम चाहे ह्यूम जो भी समझो,

हुँने तो तुम्हे अपनी ज़िंदगी समझा.



मत ज़िकार कीजये मेरी आडया क बारे मई,

मैं बुहात कुछ जनता हून वफ़ा क बारे मई,

सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़् रखते हैं,

जो जानते ही नही वफ़ा क बारे मई.



हमैन ना मुहब्बत मिली ना प्यार मिला

हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला

अपनी तो बन गई तमाशा ज़िंदगी.

हर कोई अपनी मक़सद का तलबगार मिला.



तेरे चोखत से सर उठाओं तू बेवफा कहना

तेरे साइवा किसी ओर को चाहों तू बेवफा कहना

मेरी वाफ़ाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना

शोक़् से मार ना जाओं तू बेवफा कहना!



बेवफा तो वो खुद थी,

पर इल्ज़ाम किसी और को देती है.

पहले नाम था मेरा उसके होठों पर,

अब वो नाम किसी और का लेती है.

कभी लेती थी वाडा मुझसे साथ ना चॉर्ने का,

अब यही वाडा किसी और से लेती है.



काश प्यार का इन्षुरेन्स होजता,

प्यार करने से पहले प्रीमियम भरवाया जाता.

प्यार मे वफ़ा मिली तो ठीक वरना

बेवफाओं पे जो खर्चा होता उसका क्लेम तो मिल जाता.



हुमारे मुस्कुराने की वजह तुम हो,

हमारे ज़िंदगी का मतलब तुम हो,

अगर चोर दिया साथ हमारा तो समझ लेना

क हमारी मौत की वजा भी तुम हो.



बर्बाद कर गये वो ज़िंदगी प्यार क नाम से

बेवफ़ाई मिली सिर्फ़ वफ़ा क नाम से

ज़ख़्म हे ज़ख़्म दिए उस ने डॉवा क नाम से

आसमान भी रो परा मेरी मुहाबत क अंजाम से.



सब कुछ है मेरे पास पेर दिल की डॉवा नही

डोर वो मुझसे है पेर मैं खफा नही.

मालूम है अब भी प्यार करता है मुझे.

वो तोरा ज़िद्दी है मगर बेवफा नही.



रहते हैं हम डोर तो क्या हुआ,

हम जुड़ा तो नही,

बात नही कर सकते तो क्या हुआ,

हम खफा तो नही,

ना निलना हमारी मजबूरी है,

पेर हम बेवफा तो नही 
Collection 

ऐसी बेवफ़ाई की उससने ,

मोहब्बत भी बदनाम हो गयी.

अपनी मोहब्बत की इतनी कीमत वसूल की उसने,

के हमारी आरती भी नीलाम हो गयी





दर्द की हरर इक हड्द से अब गुज़र गया हू’न मई,

फिर कभी ना सिमतुंगा योउ’न बिखर गया हू’न मई



मौत बस नही’न आती रूह क निकालने से,

सांस मुझ मई बाक़ी है फिर भी मॅर गया हू’न मई



सपना कभी साकार नही होता

मोहब्बत का कोई आकर नही होता

सूब कुछ होजता है इस दूण्या में मगर

दुबारा किसी से सॅचा प्यार नही होता 
SMS Collection 

वो कहते है मुझे बेवफा हो तुम

मुझे मिली ज़िंदगी मैं वो सज़ा हो तुम

हालत से मजबूर और वक़्त से बेबस टे हम

इस लिए आज ख़ुसीयों से कूसू दूर है हम





जान कर भी वो मुझे जान ना पाए,

आज तक वो मुझे पहचान ना पाए,

खुद हे क्र ली बेवफ़ाई हुँने,

ताकि उनपर कोई इल्ज़ाम ना आए





बाहेती हुई नाड़ी में उनका पेआस हैं

जलती हुई शमा में उनकी घार्मी का एहेसास हैं

किसी और के साथ घर बसा लिया हुँने

सीने में बसी वही बेवफा प्यार का ज़हेर की रास हैं 

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